यूरोप के एक देश में वायरलेस बनाने वाली किसी कंपनी में इंजीनियर के पद के लिए साक्षात्कार चल रहा था। सभी प्रत्याशी आरामदेह सोफों पर बैठे हुए गपशप करने में लीन थे। केवल एक उम्मीदवार अकेला एक कुर्सी पर निराश सा बैठा किसी गहरी सोच में डूबा था। डिग्रियां तो सब के पास समान ही थीं, लेकिन उसके पास आकर्षक व्यक्तित्व न था। उसने अत्यंत साधारण कपड़े पहन रखे थे। देखने में भी वह किसी मामूली परिवार का ही लगता था। स्वाभाविक है, बाकी लोग उसकी तरफ देख तक नहीं रहे थे। तभी लाउडस्पीकर पर खट-खट की आवाज आई। सबसे अलग-थलग वह प्रत्याशी कुर्सी से उठा और सीधे इंटरव्यू वाले कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद वह मुस्कराता हुआ हाथ में नियुक्ति पत्र लिए कमरे से बाहर आया। उसके साथ कंपनी का एक अधिकारी भी बाहर आया।
अधिकारी ने घोषणा की कि इंटरव्यू पूरा हो गया है। एक ही पद था और उसके लिए उपयुक्त उम्मीदवार का चुनाव हो चुका है। यह सुन कर अन्य उम्मीदवार अवाक रह गए। सबने आपत्तियां उठाईं, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उस अधिकारी ने कहा, 'आप लोगों ने लाउडस्पीकर पर आया संकेत नहीं सुना, जबकि आप सभी वायरलेस के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद के लिए आए थे।
इंटरव्यू बोर्ड ने सांकेतिक कोड वाली आवाज में संकेत दिया था कि हम ऐसे व्यक्ति को इस पद के लिए चाहते हैं जो पूरी तरह सावधान और सचेत है। जो इस संदेश को सुन कर सबसे पहले आएगा उसे नियुक्ति पत्र तैयार मिलेगा। इस नौजवान ने संकेत को सुना, इसलिए हमने इसे नियुक्त कर लिया। हम आपकी इसी समझ की परीक्षा ले रहे थे। पर आप में से किसी और ने समझा ही नहीं। हम यही तो परख रहे थे कि कौन कितना सावधान और सतर्क है।' यह सुनकर दूसरे प्रत्याशियों का मुंह लटक गया।
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