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Wednesday, January 18, 2012

राबिया एक धनवान व्यक्ति की गुलाम थी

राबिया एक धनवान व्यक्ति की गुलाम थी। वह गुलामी...
Rajesh Gambhir 18 January 10:13
राबिया एक धनवान व्यक्ति की गुलाम थी। वह गुलामी करने को मजबूर थी क्योंकि उसके माता-पिता बचपन में ही मर गए थे। उन दिनों गुलामों के साथ काफी खराब बर्ताव किया जाता था। उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता था। एक अंधेरी रात को राबिया के मालिक ने देखा कि जहां सब झोपड़ियों में अंधेरा था, वहीं एक झोपड़ी में से प्रकाश झलक रहा था। मालिक उस झोपड़ी के पास गया तो देखा कि राबिया प्रार्थना कर रही है। 

वह ईश्वर से कह रही थी- ऐ परवरदिगार, मेरे मालिक पर रहम करना। उन्होंने हम जैसे सैकड़ों गुलामों को पनाह दे रखी है। उन्हीं की वजह से हम गरीबों का जीवन चल रहा है। मेरे मालिक के खजाने में हमेशा बढोतरी करना। उसका घर खुशियों से भर देना। राबिया के शब्दों को सुनकर मालिक के मन में तूफान सा उठा। वह सोचने लगा कि यह कोई साधारण महिला नहीं है। यह जरूर कोई खास शख्सियत है। 

मालिक इस बात के लिए पश्चाताप करने लगा कि वह राबिया के साथ बुरा बर्ताव करता है जबकि वह तो उसकी भलाई के लिए प्रार्थना कर रही है। मालिक ने राबिया से कहा- तुम गुलाम नहीं रह सकती। तुम इस धरती का चमत्कार हो। यह कहकर उसने अपनी जेब से कुछ दीनारें निकालीं और राबिया को देते हुए कहा- राबिया, आज के बाद से तुम आजाद हो। 

इस पर राबिया ने कहा- एक शर्त पर मैं इस आजादी को मंजूर करूंगी कि आप और गुलामों को भी आजाद कर दें। मालिक ने अपने सभी गुलामों को आजाद कर दिया। बाद में राबिया महान संत के रूप में विश्वविख्यात हुईं।

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