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Wednesday, March 28, 2012

Fwd: [Vishwa Jagriti Mission ( World Awakening Mission)] एक गरीब आदमी को राह चलते एक चमकीला पत्थर मिला ....



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From: Chandan Kumar Nandy

एक गरीब आदमी को राह चलते एक चमकीला पत्थर मिला...
Chandan Kumar Nandy 28 March 13:30
एक गरीब आदमी को राह चलते एक चमकीला पत्थर मिला . वास्तव में वह चमकीला पत्थर बिना तराशा हीरा था . इसकी कीमत वह गरीब आदमी जानता नहीं था . संयोग से
उसी वक्त एक जौहरी उधर से गुजर रहा था . उसने वह चमकीला पत्थर गरीब के हाथ
में देखा तो उसने वह हीरा उससे सौ रुपए में खरीदना चाहा . जौहरी की पारखी
नजरों ने उसकी सही कीमत पहचान ली थी.
उस गरीब को थोड़ा संदेह हुआ कि जौहरी इस पत्थर की इतनी कीमत क्यों दे रहा है . तो उसने उस पत्थर को सौ रुपए में बेचने से इंकार कर दिया . उसने जौहरी से
कहा कि वो इसके पांच सौ लेगा.
जौहरी ने गरीब से कहा कि मूर्ख , इस सड़े पत्थर के पांच सौ कौन देगा . चल चार सौ में दे दे.
गरीब ने सोचा कि चलो ये भी फायदे का सौदा है , तो उसने हामी भर दी.
परंतु जब जौहरी ने अपनी जेब टटोली तो उसमें सिर्फ तीन सौ निकले . जौहरी ने गरीब
से कहा कि वो इंतजार करे , जल्दी ही मैं बाकी रुपये लेकर लौटता हूं.
और जब जौहरी पूरे पैसे लेकर वापस आया तो उसने देखा कि गरीब के हाथ में चमकीले पत्थर की जगह रुपए थे . जौहरी ने गरीब से पूछा कि माजरा क्या है.
गरीब ने जौहरी को बताया कि उस पत्थर की सही कीमत तुम लगा ही नहीं रहे थे . उसकी असली कीमत तो उस दूसरे जौहरी ने लगाई , और मुझे पूरे हजार रुपए दिए!
इस पर वह जौहरी झल्लाया और बोला - मूर्ख ! उस पत्थर की असली कीमत लाख रूपए थी . तुम्हें तो वो हजार रुपए में मूर्ख बना गया!
मूर्ख तो तुम बन गए - गरीब आगे बोला - तुम तो मुझे चार सौ रुपल्ली में मूर्ख बनाने चले थे कि नहीं ? और मैंने तुम्हें मूर्ख बना दिया



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