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Wednesday, January 13, 2016

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---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-01-13 6:06 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


जाट ने खेत में टयूबवेल लगवाना था !सोचा कि पंडित जी से पूछ लू कि पानी कहां होगा !

पंडित जी ने सारे खेत में घूम कर एक कोने में हाथ रख दिया और बोला कि यहां टयूबवेल लगा ले और 1100 रु. ले लिये !

जाट बेचारा भुरभुरे स्वभाव का था !
पंडित जी से बोला:
मैं बहुत खुश हूं...आप मेरे घर खाना खाने आओ !

पंडित ने सोचा कि फंस गई सामी आज तो... और हां कर दी !

जाट घर जा कर जाटणी से बोला," पंडित जी जिम्मण आवेंगे पकवान बना ले और एक कटोरी में नीचे देसी घी और उपर बूरा घाल दिये !

जाटणी बोली कि घी तो उपर होता है!
जाट बोला कि आज तू घी नीचे रखिये !

पंडित जी आ गये और बूरे वाली कटोरी देख कर बोले ," जाट भाई इसमें घी तो है ही नहीं !

जाट ने चप्पल निकाल के एक धरी पंडित के कान के नीचे और बोला," तन्नै खेत में 250 फुट नीचे का पानी देख लिया...कटोरी में 2 इंच नीचे घी नी दिक्खया !
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