[5:03pm, 22/10/2015] +91 95680 93670: आप सभी को विजय दशमी के पावन पर्व की ढेरो बधाइयाँ।
यह पर्व मुझे बहुत प्रिय हैं। क्योंकि आज के दिन ही राम जी ने दशानन रावण का वध किया था।
और यहाँ रावण है हमारी दस इन्द्रियों (5 कर्मेन्द्रियाँ और 5 ज्ञानेन्द्रियाँ )का प्रतीक ।
और राम जी हैं जीव का प्रतीक।
जानकी जी हैं भक्ति का प्रतीक।
जब जीव अपनी इन्द्रियों के वशीभूत होकर काम करता है तो वो अपना विवेक खोकर शास्त्रों के विरुद्ध काम करता है जिनसे नए प्रारब्ध बनते हैं।
जिनके कारण उसके नए जन्म का योग बन जाता है। और जीव इन्ही इन्द्रियों की तृप्ति को पाने के लिए 84 लाख योनियो में भटकता रहता है।
ये वोही इन्द्रिय तृप्ति का हेतु है जिसकी वजह से हमारी भक्ति कहीं खो गई है और ये वोही दसानन है जो हमारी भक्ति रूपी जानकी जी को चुरा ले गया।
" नाथ दसानन यह गति किन्हीं,
तेहिं खल जनक सुता हर लीन्हीं।"
इसलिए आज से हम अपने हृदय भवन में श्री रघुनाथ जी को बिठाएं और उनसे करुण प्रार्थना करें की प्रभु मेरे हिर्दय से संसार के भोग विलासिता को मिटा के आप श्री जानकी जी सहित विराजे।
"रामकथा मंदाकिनी चित्रकूट चित चारु ।
तुलसी सुभग सनेह बन सिय रघुबीर बिहारु।।"
रावण का पुतला बहार से नहीं अपने हृदय में बैठे रावण से जलाना है।
इस विजयदशमी पर .... जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ९० वाँ स्थापना दिवस भी है, मैं सब भारतवासियों का अभिनन्दन करता हूँ, और प्रार्थना करता हूँ कि भारत माँ अपने द्विगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर विराजमान हो।सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा हो और असत्य और अन्धकार का भारत में कहीं पर भी कोई अस्तित्व न रहे।
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आप सब में हृदयस्थ भगवान श्री नारायण को प्रणाम! आप सभी महान् आत्माओं को मेरा सादर नमन् वंदन प्रणाम शत-शत चरण-वन्दन स्वीकार हो !! आप सब की जय हो!!
"जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि"दीपक अग्रवाल !
अयोध्या से वापस आने
पर मां कौशल्या ने पूछा
रावण को मार दिया?
राम जी ने सुन्दर जवाब दिया-
उसे मैंने नहीं मारा,
उसे "मै" ने मारा है.
आप एवम् आपके समस्त परिवार को राम नवमी एंव दशहरा की हार्दिक बधाई...
।। जय श्री राम ।।
[5:06pm, 22/10/2015] +91 95680 93670: चाणक्य के 15 अमर वाक्य | शेयर करें | सीखें और सीखयें
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1)दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक
और महिला की सुन्दरता है।
2)हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है, यह
कड़वा सच है।
3)अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो।
छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार
दो।
सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो।
आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है।"
4)दूसरों की गलतियों से सीखो
अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम
पड़ेगी।
5)किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना
चाहिए।
सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।
6)अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है
तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंश भले ही न
हो
पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास
करवाते रहना चाहिए।
7)कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे
पूछो...
मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ?
इसका क्या परिणाम होगा ?
क्या मैं सफल रहूँगा?
8)भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये
इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत
इसका सामना करो।
9)काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो।
10)सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है
पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।"
11)ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है
अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
12)व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है
जन्म से नहीं।
13)ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं
उन्हें दोस्त न बनाओ,
वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे।
समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं।
14)अज्ञानी के लिए किताबें और
अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।
15)शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है।
शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है।
शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य
दोनों ही कमजोर है
राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है?
उत्तर- ''मां''
2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
उत्तर- "कपास का फूल"
3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है
उत्तर- वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध ।
4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी
- "वाणी की"
5- सर्वश्रेष्ठ दूध-
"मां का"
6- सबसे से काला क्या है
"कलंक"
7- सबसे भारी क्या है
"पाप"
8- सबसे सस्ता क्या है
"सलाह"
9- सबसे महंगा क्या है
"सहयोग"
10-सबसे कडवा क्या है
ऊत्तर- "सत्य".
वो डांट कर अपने बच्चो को अकेले मे रोती है,
.
वो माँ है, और माँ एसी ही
होती है ।
जितना बडा प्लाट होता है, उतना बडा बंगला नही होता !! जितना बडा बंगला होता है,उतना बडा दरवाजा नही होता !! जितना बडा दरवाजा होता है ,उतना बडा ताला नही होता !!
जितना बडा ताला होता है , उतनी बडी चाबी नही होती !! परन्तु चाबी पर पुरे बंगले का आधार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।
है मानव....तू सबकुछ कर पर किसी को परेशान मत कर,जो बात समझ न आऐ उस बात मे मत पड़ !
पैसे के अभाव मे जगत 1% दूखी है,समझ के अभाव मे जगत 99% दूखी है !!!
आज का श्रेष्ठ विचार:-
यदि आप धर्म करोगे तो भगवान से आपको माँगना पड़ेगा...,
लेकिन यदि आप कर्म करोगे तो भगवान को देना पड़ेगा..!
👏👏👏👏👏👏किरपा करके पढने के बाद अपने दोस्तों को जरुर भेजे
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