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Friday, December 30, 2011

एक साधु थे।उनके पास एक आदमी आया और उसने पूछा कि...



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From: Rameshwar Pal Sharma


29 December 20:17
एक साधु थे।उनके पास एक आदमी आया और उसने पूछा कि भगवान जल्दी कैसे मिलेँ? साधुने कहा कि भगवान उत्कट चाहना होने से मिलेँगे। उसने पूछा कि उत्कट चाहना कैसी होती है? साधुने कहा कि भगवान के बिना रहा न जाय। वह आदमी ठीक समझा नहीँ और बार-बार पूछता रहा कि उत्कट चाहना कैसी होती है? एक दिन साधुने उस आदमी से कहा कि आज तुम मेरे साथ नदी मेँ स्नान करने चलो। दोनोँ नदी मेँ गये और स्नान करने लगे।उस आदमी ने जैसे ही नदी मेँ डुबकी लगायी,साधुने उसका गला पकड़कर नीचे दबा दिया।वह आदमी थोड़ी देर नदीके भीतर छटपटाया,फिर साधुने उसको छोड़ दिया।पानी से ऊपर आनेपर वह बोला कि तुम साधु होकर ऐसा काम करते हो।मैँ तो आज मर जाता।साधुने पूछा कि बता, तेरेको क्या याद आया? माँ याद आयी, बाप याद आया, धन याद आया या स्त्री-पुत्र याद आये? वह बोला कि महाराज मेरे तो प्राण निकले जा रहे थे,याद किसकी आती? साधु बोले कि तुम पूछते थे कि उत्कट अभिलाषा कैसी होती है,उसीका नमूना मैँने तेरेको बताया है। जब एक भगवानके सिवाय कोई भी याद नहीँ आयेगा और उनकी प्राप्ति के बिना रह नहीँ सकोगे,तब भगवान मिल जायँगे।भगवानकी ताकत नहीँ है कि मिले बिना रह जायँ।



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