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Wednesday, November 5, 2014

अपने गुरु के प्रति



अपने गुरु के प्रति श्रद्धा रखने वाला शिष्य सदा निश्चिंत  और प्रसंन  रहता है। श्रद्धा, भक्ति, और प्रेम - तीनो में प्रबल शक्ति है। इन तीनों के बिना मन बंजर भूमि की तरह है।

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