छह चीज जो आपके भाग्य को चमका देती है
परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज
भागवत महापुराण में कहा गया है कि आप चाहते हैं कि आपका भाग्य फले, भाग्य, सौभाग्य बन जाए तो छः चीजें अपनाएं। इस पवित्रा ग्रन्थ का यह संदेश बड़ा ही अद्भुत है, इसे अपने जीवन में अपनाएं।
सबसे पहली चीज है- पुरुषार्थ। पुरुषार्थ लगातार कीजिए, काम से जी चुराकर मत बैठें। केवल हाथ जोड़ने से ही बात नहीं बनती, पुरुषार्थ भी जरूरी है। हाथ जुड़े रहें, सिर झुका रहे, लेकिन हाथ पुरुषार्थ की ओर बढते रहें।
दूसरी चीज है हिम्मत। हिम्मत कभी नहीं छोड़ना, साहस बनाए रखना। जीवन में समस्याएं तो पग-पग पर हैं, निराश होकर न बैठें, साहस के साथ समस्या का सामना करें। समस्या से जो पार जाएगा वही आगे बढ़कर हर चुनौतियों का सामना कर पाएगा।
भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा, जीवन में जागना है, भागना नहीं। विषाद को प्रसन्नता में, कायरता को वीरता में बदलो। वीर तो एक बार मरकर वीरागति को प्राप्त करता है, कायर तो दिन में हजार बार मरता है।
जो व्यक्ति आलस्य में सोया पड़ा है, उसके लिए कलियुग है, जिसने अंगड़ाई लेनी शुरू की उसके लिए द्वापर युग है, जो उठकर खड़ा हो गया, उसके लिए त्रोतायुग है और जो कार्य में लग गया उसके लिए सत्युग शुरू हो गया और उसका भाग्य सौभाग्य में बदल गया।
बुद्घि से कार्य करें। योजनाबद्घ तरीके से कार्य में लगें और सोच-समझकर बुद्घि द्वारा कार्य करें। कहा जाता है, ''लम्हों में खता की, सदियों तक सजा पाई''। छोटी-सी गलती की सजा बहुत देर तक भोगनी पड़ती है। गलती छोटी हो या बड़ी आपकी पूरी योजना को नीचे गिरा सकती है, इसलिए पूर्ण सावधनी बहुत जरूरी है।
शक्ति संगठित करके कार्य में जुट जाइए। कार्य के लिए एड़ी से चोटी तक का पूरा शोर लगा दीजिए। जिन्दगी की यात्रा में छोटे-से-छोटा गरीब व्यक्ति भी काम आएगा। पैसे देकर काम करवाने के साथ, प्यार के दो बोल भी चाहिए, उससे इंसान पूरी ताकत लगाकर आपके साथ खड़ा हो जाएगा।
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