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Tuesday, August 25, 2020

प्रेम वाला

प्रेम वाला इंसान ही दुनिया में निर्माण कर सकता है।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज  

Wednesday, August 19, 2020

Prarthna

🌹 *प्रार्थना*🌹

          *हे सर्व शक्तिमान सर्वाधार प्रभु ! आप समस्त सुखों के भण्डार है। संसार सागर में अगर कही शान्ति और आनंद का केंद्र है, तो वे आपके चरणचिन्ह ही है । हमारा श्रद्धाभरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो।*
                 हे भगवान ! हे पवित्र पावन परमेश्वर! हमारे अंतःकरण में आप जैसी श्रद्धा भक्ति मैत्री और प्रेम जागृत हो ताकि हम आपके श्रद्धामयी गोद में बैठने का अधिकारी बन सके।
           हे प्रभु अंतःकरण में मलिन करने वाली सभी क्षुद्र भावनाओं से हम ऊपर उठ सके और काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि आसुरी बृत्तिओं पर विजय पा सके।
              हे भगवन! हमारे अंदर सात्विक वृत्तियाँ जागृत हो। क्षमा, सरलता, स्थिरता, अहंकार शून्यता आदि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हो। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल बने। 
            हे प्रभु ! आप हमारे ऊपर अपने आशीर्वाद का वरदहस्त रखिये । जिससे हमारा जीवन सदैव आपके ही चरणविन्द में समर्पित रहे। 
          *हे प्रभु! अपनी सेवा में लेकर हमें कृतार्थ करें। हे पतितपावन !यही आपसे हम सबकी प्रार्थना है, इसे स्वीकार करें।*

*ॐ शांतिः  शांतिः. शांतिः*🌹

आप कुछ नियम




परम पूज्य सुधांशुजी महारा


आप कुछ नियम बनाएँ। उन नियमों में एक नियम यह भी कि किसी को फ़ूल न दे सकें  मुस्कान तो हम जरूर देगें। किसी से बात करें तो बात की शुरुआत में मुस्कान पहले होनी चाहिए। हर बच्चे की सजावट उसकी मुस्कराहट है और इस दुनियाँ में हर फ़ूल की सजावट उसकी मुस्कराहट है। आपकी भी सजावट आपकी मुस्कराहट है तो अपनी मुस्कराहट को सजाइए। मुस्कराहट को लेकर घर से निकलिए, मुस्कराहट को लेकर घर में प्रवेश कीजिए। और देवताओं की आराधना करें तो मुस्करा कर करें और अपने गुरू को प्रणाम करें तो मुस्कान के साथ करें। अपने कर्मक्षेत्र में प्रवेश करें तो मुस्कराहट के साथ करें और जब अपने अन्न को देखें तो अन्न को भी मुस्कराकर देखिए। अपने घर भी जैसे पहली द्दर्ष्टि प्रवेश करते हुए डालते है तो मुस्कराहट की द्दर्ष्टि डालिए तो आप समझेंगे कि मनहूसियत निकलेगी और देवताओं की कृपा आपके घर में प्रवेश करेगी।