वाकशूर नहीं ,कर्मशूर बनो ! वाणी का संयम और कर्म का प्रभाव इतना होना चाहिए की व्यक्ति आदर्श बन जाए ! जब आपका व्यवहार बोलने लग जाता हे तो उसका आनन्द सर्वप्रथम स्वंय को ही आता है !
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9 months ago
collection of Kahaneeyan from the Pravachan of Parampujy Guruji Acharya Sudhanshuji Maharaj & HIS books etc
आज जो हमने बोया है, कल वही तो हम काटेंगे ।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
प्रतीक्षा में व्यर्थ जाने वाले
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज