Wednesday, December 28, 2016
Saturday, December 24, 2016
आत्म-निर्माण
Wednesday, December 21, 2016
अंधेरे से बाहर आने
Sunday, December 18, 2016
Friday, December 16, 2016
कमजोर मनशक्ति ही
Thursday, October 20, 2016
भूतकाल को याद
अपने वर्तमान का सदुपयोग करें। हर दिन को व्यवस्थित ढ़ग से व्यतीत करें।
Wednesday, October 19, 2016
Wednesday, October 5, 2016
वाणी की मधुरता
Saturday, August 27, 2016
Wednesday, August 24, 2016
हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार है।
हे जगत के नियन्ता जगदीश्वर। हे नारायण। हे शुद्ध, बुद्ध, मुक्तस्वभाव। हे जन्म और जीवन देने वाले परमपिता परमात्मा। हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार हे, तेरे चरणों में आनंद का वास हे , सभी के ह्रदयों में आपका निवास है।हे प्रभु। जिस मेधा बुद्धि को हमारे पूर्ववर्त्ती ज्ञानी-ध्यानी तथा योगीजनों ने प्राप्त किया और अपना कल्याण किया उसी विशेष बुद्धि को आप हमें प्रदान करें।हे प्रभु हमें वह बुद्धि दो जिसके द्वारा हम सन्मार्ग पर चलकर आदर्श को धारण कर सकें तथा दोषों का परित्याग करें। हे प्रभु। हमारे बुद्धि के रथ को आप हांकने वाले बनें। हम सदैव अच्छा विचारें, अच्छे योजनाएं बनाएं, अच्छे हो जाएँ और संसार को सुंदर बना सकें। खुद तरें और औरों को भी तारें। हे दाता हमारी यही विनंती हे, इसे आप स्वीकार कीजिए।
Monday, August 22, 2016
हे प्रभु हमारा ह्रदय आपके श्री चरणों से जुडे रहें
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Thursday, August 18, 2016
आप क्या बोलते
Wednesday, August 17, 2016
Thursday, August 11, 2016
Tuesday, August 9, 2016
गुण बहुत दुर्लभ हैं
- गुण बहुत दुर्लभ हैं , धन में पवित्रता , दान में विनय , वीरता में दया और अधिकार में निराभिमानता !
- पूज्य सुधांशुजी महाराज्
जैसे दिन को सजाता
गुरु है और जिन्दगी शुरु है।
Monday, August 8, 2016
Saturday, August 6, 2016
जहां भी त्याग की
Friday, August 5, 2016
मोती ग्यान के
जीतने के लिये प्रेम जीतो !
खाने के लिये गम खाओ !
देने के लिये दान दो !
लेने के लिये ग्यान लो !
कहने के लिये सत्य कहो !
रखने के लिये इज्जत रखो !
फेंकने के लिये ईर्ष्या फेंको !
छोडने के लिये मोह छोडो !
दिखाने के लिये दया दिखाओ !
श्रद्धा स्मारिका २००८ थाने मण्डल
जो हम पाना
जो हम पाना चाह्ते है उसका कारण कर्म में छिपा है। अच्छा कर्म करने से अच्छाफल पाया जा सकता है।
Thursday, August 4, 2016
मानव जीवन अनमोल है
Tuesday, August 2, 2016
यदि किसी का प्रिय
Monday, August 1, 2016
जीवन के अन्तिम
Sunday, July 31, 2016
मेरा शंकर भोला है
शिव शंकर मेरा भोला है भीमाशंकर मेरा भोला है !!
उसके एक हाथ में डमरू सोहे दुसरे हाथ में भाला है !
बाम अंग में गौरी विराजत गोद में गणपति लाला है !!
मेरा शंकर भोला है ....
पाऊं में खडाऊं साजत कानन में कुंडल !
माथे पर चन्द्रमा विराजत केसों से बहती गंग धारा है !!मेरा शंकर भोला है ....
विष्णु को देदी मोतिन की माला ख़ुद पहने सर्पों की माला है !
विष्णु को देदी पीताम्बरी खुद ओढे गज छाला है !!मेरा शंकर भोला है ....
ब्रह्मा को देदिया ब्रह्मा लोक और विष्णू को देदिया स्वर्ग लोक ख़ुद मरघट में रहता है !
देवों को देदिया अमृत का प्याला ख़ुद पी गये विष प्याला है !!मेरा शंकर भोला है ....
कहे मदन गोपाल मेरा शंकर भोला है !
Saturday, July 30, 2016
दूसरों को क्षमा
Tuesday, July 26, 2016
जीवन परिवर्तन
Friday, July 22, 2016
Thursday, July 21, 2016
प्रश्न :-मुझे क्रोध बहुत आता हे !क्रोध
Wednesday, July 20, 2016
Fwd:
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2016-07-17 20:55 GMT+05:30
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Bhagvan ki khoj
अकबर ने बीरबल के सामने
अचानक एक दिन 3 प्रश्न उछाल दिये।
प्रश्न यह थे -
1) ' भगवान कहाँ रहता है?
2) वह कैसे मिलता है
और
3) वह करता क्या है?''
बीरबल इन प्रश्नों को सुनकर सकपका गये और बोले - ''जहाँपनाह! इन प्रश्नों के उत्तर मैं कल आपको दूँगा।"
जब बीरबल घर पहुँचे तो वह बहुत उदास थे।
उनके पुत्र ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया -
''बेटा! आज बादशाह ने मुझसे एक साथ तीन प्रश्न:
✅ 'भगवान कहाँ रहता है?
✅ वह कैसे मिलता है?
✅ और वह करता क्या है?' पूछे हैं।
मुझे उनके उत्तर सूझ नही रहे हैं और कल दरबार में इनका उत्तर देना है।''
बीरबल के पुत्र ने कहा- ''पिता जी! कल आप मुझे दरबार में अपने साथ ले चलना मैं बादशाह के प्रश्नों के उत्तर दूँगा।''
पुत्र की हठ के कारण बीरबल अगले दिन अपने पुत्र को साथ लेकर दरबार में पहुँचे।
बीरबल को देख कर बादशाह अकबर ने कहा - ''बीरबल मेरे प्रश्नों के उत्तर दो।
बीरबल ने कहा - ''जहाँपनाह आपके प्रश्नों के उत्तर तो मेरा पुत्र भी दे सकता है।''
अकबर ने बीरबल के पुत्र से पहला प्रश्न पूछा - ''बताओ!
' भगवान कहाँ रहता है?'' बीरबल के पुत्र ने एक गिलास शक्कर मिला हुआ दूध बादशाह से मँगवाया और कहा- जहाँपनाह दूध कैसा है?
अकबर ने दूध चखा और कहा कि ये मीठा है।
परन्तु बादशाह सलामत या आपको इसमें शक्कर दिखाई दे रही है।
बादशाह बोले नही। वह तो घुल गयी।
जी हाँ, जहाँपनाह! भगवान भी इसी प्रकार संसार की हर वस्तु में रहता है।
जैसे शक्कर दूध में घुल गयी है परन्तु वह दिखाई नही दे रही है।
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब दूसरे प्रश्न का उत्तर पूछा - ''बताओ!
भगवान मिलता केैसे है ?'' बालक ने कहा -
''जहाँपनाह थोड़ा दही मँगवाइए।
'' बादशाह ने दही मँगवाया तो बीरबल के पुत्र ने कहा -
''जहाँपनाह! क्या आपको इसमं मक्खन दिखाई दे रहा है।
बादशाह ने कहा- ''मक्खन तो दही में है पर इसको मथने पर ही दिखाई देगा।''
बालक ने कहा- ''जहाँपनाह! मन्थन करने पर ही भगवान के दर्शन हो सकते हैं।''
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब अन्तिम प्रश्न का उत्तर पूछा - ''बताओ! भगवान करता क्या है?''
बीरबल के पुत्र ने कहा- ''महाराज! इसके लिए आपको मुझे अपना गुरू स्वीकार करना पड़ेगा।''
अकबर बोले- ''ठीक है, आप गुरू और मैं आप का शिष्य।''
अब बालक ने कहा- ''जहाँपनाह गुरू तो ऊँचे आसन पर बैठता है
और शिष्य नीचे।
'' अकबर ने बालक के लिए सिंहासन खाली कर दिया और स्वयं नीचे बैठ गये।
अब बालक ने सिंहासन पर बैठ कर कहा - ''महाराज! आपके
अन्तिम प्रश्न का उत्तर तो यही है।''
अकबर बोले- ''क्या मतलब? मैं कुछ समझा नहीं।''
बालक ने कहा- ''जहाँपनाह! भगवान यही तो करता है।
"पल भर में राजा को रंक बना देता है और भिखारी को सम्राट बना देता है।"
...
Tuesday, July 19, 2016
अगर अपने आप
Friday, July 15, 2016
प्रसन्नता को पाने के
- प्रसन्नता को पाने के लिए परमात्मा का शुक्रगुजार रहना चाहिए और पर्मात्मा के द्वारा बनाए गए जो नियम हैं , अनुशासन हैं उनके द्वारा जीवन को जीने की कोशिश करनी चाहिए ! जिसके जीवन में अनुशासन है , नियंत्रण करने की शक्ति हे , अंकुश हे तो उसके चेहरे पर सदा मुस्कराहट का दीप जलता रहेगा , उसकी मुस्कराहट बुझ नहीं सकती !