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Thursday, July 31, 2014

Fwd: मन की शान्ति के लिए



---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2014-07-31 9:58 GMT+05:30
Subject: मन की शान्ति के लिए
To:


मन की शान्ति के लिए 
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  • अपनी इच्छायों को नियनत्रण में रखो !
  • क्रोध मत करो ,क्रोध आया भी हे तो बढ़ने मत दो ,पानी पी लो ,वह जगह छोड़ दो ,लंबे लंबे साँस लो !
  • हमेशा प्रसन्न रहने की कोशिश करो !
  • भगवान ने जो दिया हे उसी में खुश रहो ,जो नहीं दिया उसके बारे में सोच कर दुःखी मत हो !
  • किसी की तरक्की देख कर दुःखी मत हो -जलो मत ,उस की तरह बनने की कोशिश करो 

Monday, July 7, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] Enjoy the gifts...



 Enjoy the gifts...



The mind always craves for what you do not have .The hurt and dissatisfaction of what you do not have prevents you from enjoying the things,which you have and forget to thank God for them. Be contended . Always think that God has given you abundantly




Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] अच्छे संस्कार


अच्छे संस्कार

संत पुरूष समझाते हें की बचपन से ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दो, उन्हें नियम पर चलना सिखाओ ,उन्हें बाँट कर खाना,मिलकर रहना,सबकी सहायता करना ,और प्रभु सिमरन करना सिखाओ !

अपना हिस्सा खालेना प्रकृति ,
दूसरों का हिस्सा भी खाजाना विकृति ,
अपना हिस्सा भी दूसरों को दे देना संस्कृति ,कहलाती है !




Sunday, July 6, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] लक्ष्य की प्राप्ती


लक्ष्य की प्राप्ती

लक्ष्य की प्राप्ती के लिय दृढ इच्छा शक्ती ,कठोर अनुशासन ,सही योजना,सुव्यवस्थित जीवन और कड़ी मेहनत ,दूर द्रष्टि रखिए दूर तक देखिए यह अपनाकर जब आप चलेंगे कैसा भी लक्ष्य हो जरूर प्राप्त होगा ! भाग्य के भरोसे नहीं बैठना कर्मठ बनाना ! तब  बात बनेगी !



Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] स्मरणीय

स्मरणीय



समय का नाश सर्वस्य का नाश है ,इसलिए इस बहुमूल्य निधि को व्यर्थ न गवाएँ १जो समय व्यर्थ चला गया वह पुन; प्राप्त नहीं होगा !समय का उपयोग ऐसे करें की शारीरिक ,आत्मिक और सामाजिक स्तर पर आप उन्नत हो सकें ! आपके कर्मों की सुगंध लंबे समय तक महकती रहे ! आप समय को अच्छाई की सुगंध या बुराई की सुगंध में बदल सकते हैं ! जो समय चला गया उस के लिय मत रोओं और उसका विचार भी मत करो ! व्यक्ती कितना भी बीते समय को याद कर कर के रता रहे , जो बीत गया सो बीत गया ! वह लौटकर वापिस नहीं आएगा ! अत: वर्त्तमान को सभालो !
पूज्य sudhaanshu ji mahaaraaj





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Saturday, July 5, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] विचार



---विचार



एक नकारात्मक विचार स्वास्थ ख़राब कर सकता है तो  यह भी ध्यान रखो  कि  सकारात्मक विचार स्वास्थ बना भी सकता है !

मान अपमान में सदा एक जैसा रहना ,चंचलता को छोड़ना ,स्थिरता को अपनाना ,सदैव खुश रहने की आदत डालना !इन सब कार्यों से  आत्मा बलवान होती है !जाप और सेवा से आपकी आत्मा बलवान होगी ! सेवा कार्य कोई हाथ में आए उसे बड़ी श्रृधा से करो ! कई लोग सेवा करते हुए भला-बुरा कह देते हैं उनको आप हंसते हुए सुन लें !
पूज्यश्री सुधान्शुजी महाराज




Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] मन

मन


मन बुरा नहीं है इसे सुंदर भावनाओं से तरंगित कीजिए !यही मन सुंदर विचारों से ऊँचाइयों को छू लेगा ,और बुरे विचारों से नीचे गिर जाता है ! इसलिए मन के अन्दर उठती तरंगों को पवित्र बनाए रखेँ !
पूज्य सुधांशु जी महाराज




Friday, July 4, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] शान्ती केसे पाएं

शान्ती केसे पाएं




तृष्णा से बढ़कर कोई व्याधी नहीं है !
दया के समान कोई धर्म नही है !
सत्य जीवन है और असत्य म्रत्यु !
घ्रणा करनी हो तो  अपने दोषों से करो !
लोभ करना हो तो प्रभू के स्मरण का करो !
बैर करना हो तो अपने दुराचारों से करो !
दूर रहना हो तो बुरे संग से रहो !
मोह करना हो तो परमात्मा से करो !
शान्ती के समान कोई टाप नहीं है !
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं है !
!! ॐ शांती !!



Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] शान्ती केसे पाएं

शान्ती केसे पाएं



शान्ती के समान कोई तप  नहीं है !

संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं है




Thursday, July 3, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] प्रकाश फैलाओ

प्रकाश फैलाओ

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जाग्रत दीप बनकर प्रकाश फेलाओ
दीया कभी भी जलता है तो पूरी दुनिया की जिम्मेदारी नहीं लेता की में सारी दुनिया को रोशनी दूँगा ! लेकिन जहाँ है वहाँ हिम्मत नहीं की अँधेरा उसके पास आ सके बस इतनी सी बात याद रखो ! जहाँ हो वहीं उजाला फैलाओ !



Wednesday, July 2, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] तुम प्रकाश हो


तुम प्रकाश हो



तुम प्रकाश हो ! तुम्हारी शक्ती अप्रतिम है !लकिन तुम अपनी शक्ती को भूल गये हो ! पिता परमात्मा ने तुम्हें ज्योतिरूप में इस जगत में भेजा है !तुम्हें अपने हिस्से का प्रकाश फैलाना है ! जहाँ भी रहो उस स्थान को प्रकाशित करते रहो !



Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] स्मरणीय

स्मरणीय



*तीसरी आँख प्रज्ञा की है ! जिसकी अन्दर की आँख खुली है वह कहीं ठोकर नहीं खा सकता !
*जब चिन्तन समाप्त हो जाता है तब व्यक्ती पशुलोक के धरातल पर जीता है !
*अगर स्वयं को कोसने ,प्रताडित करने और दबाने में लगे रहोगे तो  कभी आगे न बढ़ सकोगे !
*जीवन में किसी को आगे बढ़ता देख कर ईर्षा का जागना स्वाभाविक है लेकिन अगर ईर्षा  को प्रतिस्पर्धा में बदल सको तब तुम सहज ही आगे बढ़ जाओगे !





Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] सदगुरू के सूत्र



सदगुरू के सूत्र



उचित योजना -कार्य में सफलता
समय प्रबंधन -उन्नति का पथ
शांत मस्तिष्क -क्ष्रेष्ठ चिंतन
ध्यान की निरन्तरता - प्रभु की निकटता
धनार्जन से पहले-श्रद्धा
सृजन से पहले -सुयोजना
कथन से पहले  -विचार
जिस दिन आप यह अपनायेगे उसी क्षण आप आनंद की ओर बढ़ चलेंगे
पूज्य सुधांशु जी महाराज